उन्हेंल नगर परिषद के कर्मचारी को परिषद की संपत्ति बेचकर बकाया भुगतान करने का कोर्ट ने दिया आदेश

उन्हेंल नगर परिषद के कर्मचारी को परिषद की संपत्ति बेचकर बकाया भुगतान करने का कोर्ट ने दिया आदेश

उन्हेल@मोक्षवाणी -  नगर परिषद में इन दिनों कई प्रकार के घोटाले उजागर होते जा रहे हैं जिसके चलते कहीं पर निर्माण को लेकर तो कहीं कर्मचारियों के कतोत्रे में हो रहे भृष्टाचार के मामले लगातार उठते जा रहे हैं। वही उन्हेंल नगर परिषद के एक कर्मचारी का ऐसा मामला भी सामने आया है जिसमें श्रम न्यायालय द्वारा कर्मचारी के पक्ष में उन्हेंल नगर परिषद द्वारा वेतन से राशि काटने की शिकायत को लेकर निर्णय सुनाते हुए नगर परिषद को उसकी स्थाई या अस्थाई संपत्ति को बेचकर या नीलाम कर उक्त कर्मचारी की बकाया राशि लौटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिसको लेकर एक बार फिर उन्हेंल नगर परिषद में हुए घोटाले का पत्ताक्षेप हुआ है। वही वर्तमान परिषद के दबाव में अभी भी कई कर्मचारी अपने हक के लिए आवाज भी नहीं उठा पा रहे हैं और जो कर्मचारी अपने हक के लिए आगे बढे हैं उनको उचित न्याय भी मिला है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्हेंल नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारी अरुण शिंदे ड्राइवर के पद पर नियुक्त है जिनको कुशल श्रेणी की पात्रता के अनुसार वेतनमान दिया जाना था परंतु उक्त कर्मचारी को अकुशल की श्रेणी में रखकर उसको प्राप्त होने वाली नियत वेतनमान से कटौति कर कम वेतनमान दिया गया। जिसके चलते कर्मचारी द्वारा न्यायालय में एक आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसके आधार पर श्रम न्यायालय ने वर्ष 2017 से वर्तमान तक हुई कटौती को कर्मचारी को देने के आदेश दिए। जिसमें कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि यदि परिषद के पास पैसा ना हो तब भी वह अपनी संपत्ति को बेचकर या नीलाम कर उक्त कर्मचारी को उसकी बकाया राशि का भुगतान करने के लिए न्यायलय में जमा करने का निर्देश दिए है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त मामले में उन्हेंल नगर परिषद ने उक्त कर्मचारी के वेतन में किए कटौती के बकाया राशि को डीडी के माध्यम से न्यायालय में जमा कर दिए हैं जो जल्द ही कर्मचारियों को प्राप्त हो जाएंगे। परंतु आज भी कई ऐसे कर्मचारी है जो नगर परिषद के प्रभावी जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते अपने हक के लिए बोल भी नहीं पा रहे हैं व अंदर ही अंदर घुटते जा रहे हैं। वही जब जिम्मेदार जन प्रतिनिधि से मीडिया के द्वारा इन कर्मचारियों के हित को लेकर चर्चा की जाती है तो वह साफ़ तौर पर पल्ला झटकते हुए कहते कि यह हमारे परिषद का अंधुरनी मामला है। जिस पर मीडिया की स्वतंत्रता का हनन करते हुवे कहते कि वे इन मामलों में दखल अंदाजी ना करें। यानी साफ तौर पर नगर परिषद में कई भ्रष्टाचार हो रहे हैं जिसमें जनप्रतिनिधि बंदरबाट लगाए हुए हैं जो अपनों के हित के लिए शासकीय पैसों का दुरुपयोग कर विकास की गंगा लूटाने में लगे हैं। वही नगर की जनता उनके इस कृत्य से बिल्कुल भी खुश नजर नहीं आ रही है जिसका परिणाम आगामी दिनों में सत्ता पक्ष की पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।